गर्भावस्था में स्तन दर्द के कारण, लक्षण और उपचार | Breast Pain in Pregnancy Symptoms, Causes and Treatment in Hindi

Breast Pain in Pregnancy in Hindi

गर्भावस्था (Breast Pain in Pregnancy in Hindi) के दौरान महिलाओं के शरीर में कई सारी जटिलताएं आने लगती है, प्रेगनेंसी के 9 महीने बहुत चुनोती भरे होते है, शुरुआत के महीने और आखिर के महीने सबसे ज्यादा तकलीफ वाले होते है| प्रसव पीड़ा, पेट दर्द, सिर दर्द, रक्तस्राव, पीठ दर्द आदि कई समस्याएं आने लगती है|

ऐसी ही एक समस्या है स्तन दर्द की, गर्भावस्था के दौरान एक महिला को कई शारीरिक बदलाव से गुजरना पड़ता है| ज्यादातर महिलाओं को प्रेगनेंसी में स्तन यानी ब्रेस्ट में दर्द की शिकायत रहती है| जैसे-जैसे शरीर में एस्ट्रोजन और प्रोजेस्ट्रोन हार्मोन का स्तर बढ़ता है वैसे-वैसे स्तन में सुजन और दर्द बढ़ने लगता है|

गर्भावस्था के दौरान स्तन ज्यादा संवेदनशील हो जाते है, यह समस्या महिलाओं में गर्भावस्था के चौथे या छठे महीने में आती है| आज की इस पोस्ट में हम आपको बताएँगे की गर्भावस्था के दौरान स्तनों में दर्द किस वजह से होता है और इससे कैसे बचा जा सकता है|

गर्भावस्था में स्तनों में दर्द होने के लक्षण  (Symptoms of Breast Pain in Pregnancy in Hindi)

  • निप्पलों के आकार में परिवर्तन होने लगता है, यह सामान्य से बढ़ने लग जाते है| स्तनों में संवेदनशीलता के साथ-साथ सनसनी होने लगती है जिसकी वजह से यह सामान्य स्थिति से आगे की और निकल जाते है|
  • निप्पलों के चारों और बना काला घेरा बड़ा और गाढ़ा होने लग जाता है|
  • स्तनों पर नसों का उबर कर बाहर आना|
  • स्तनों पर दाद होना|
  • ब्रेस्ट पर दर्द के साथ खुजली होना|
  • स्तनों पर दर्द के साथ बैचेनी महसूस होना|

गर्भावस्था के दौरान स्तन दर्द होने के कारण (Reasons For Having Breast Pain During Pregnancy in Hindi)

हार्मोन में बदलाव होना

गर्भावस्था के दौरान भ्रूण का विकास कई चरणों से गुजरता है, और इस दौरान एस्ट्रोजन और प्रोजेस्ट्रोन हार्मोन में बदलाव आने लगते है जिसकी वजह से स्तनों में दर्द और सुजन आने लगती है|

स्तन में बदलाव आना

गर्भावस्था के दौरान महिलाओं के स्तनों में कई तरह के बदलाव आते है, और इस समय दूध बनने की प्रक्रिया भी पूरी होती है और इसी बदलाव के कारण दर्द होने लगता है|

स्तनों से तरल पदार्थ निकलना

अधिकतर महिलाओं में प्रेगनेंसी के दौरान स्तनों से तरल पदार्थ निकलने लगता है| जब दूध बनने की प्रक्रिया पूरी हो जाती है तब यह तरल पदार्थ बाहर निकलने लगता है, इसकी वजह से भी स्तनों में दर्द रहता है|

स्तनों का भारी होना

गर्भावस्था के तीसरे महीने में स्तनों में वसा का जमाव हो जाता है जिसकी वजह से स्तन भारी होने लगते है और इस कारण भी स्तनों में दर्द होता है|

गर्भावस्था में स्तन दर्द का उपचार  (Treatment of Breast Pain in Pregnancy in Hindi)

सही ब्रा चुने

गर्भावस्था के दौरान इस बात का ख़ास ध्यान रखें की ब्रा आरामदायक और सही होनी चाहिए| आपकी ब्रा स्तनों को आराम देने वाली होनी चाहिए, जब भी आपके स्तनों में बदलाव हो उस पर नजर रखें और उस हिसाब से नई ब्रा खरीदें| अगर आप दर्द से बचने के लिए ब्रा नहीं पहनती है तो आगे आपके दर्द में बढ़ोतरी हो सकती है और स्तनों के आकार में परिवर्तन भी आ सकता है| इसलिए ब्रा जरुर पहने और सही तथा आरामदायक ब्रा खरीदे|

बहुत सारा पानी पीयें

कभी भी पानी की मात्रा में कमी ना आने दे, रोजाना 8-10 गिलास पानी पीयें| इससे शरीर में नमी रहती है और जिससे दर्द कम होता है|

नमक से दुरी बनायें

आप भले ही इस बात पर भरोसा ना करें लेकिन अगर आप नमक का सेवन गर्भावस्था के दौरान कम कर देते है तो इससे स्तनों के दर्द में आराम मिलता है, नमक शरीर में पानी को रोककर रखता है जिससे स्तनों में दर्द बढ़ जाता है|

गुनगुने पानी से सिकाई करें

गर्भावस्था में स्तनों के दर्द से जल्दी राहत पाने के लिए गर्म पानी से सिकाई करें, इससे आपको बहुत आराम मिलेगा|

गर्भावस्था के दौरान स्तन दर्द से कैसे बचें

  • फास्ट फ़ूड या जंक फ़ूड ना खाएं|
  • पौष्टिक आहार ले|
  • व्यायाम करें|
  • टहलने जाए|
  • किसी भी तरह की दिक्कत आये तो तुरंत डॉक्टर से सम्पर्क करें. किसी भी तरह की लापरवाही ना बरतें|

गर्भावस्था के दौरान स्तन दर्द होने के कारण और बचाव के उपाय के बारे में आज की इस पोस्ट में आपने जाना, उम्मीद करता हु की आपको यह पोस्ट पसंद आई होगी और अगर आपको यह पोस्ट पसंद आई हो तो इसे अपने दोस्तों के साथ शेयर करें और कमेंट बॉक्स में अपने विचार दे|

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