चिकन पॉक्स (छोटी माता) के लक्षण, कारण और उपचार | Chicken Pox Symptom, Causes, Treatment in Hindi

Chicken pox in hindi

चिकनपॉक्स | Chicken Pox in Hindi

चिकनपॉक्स (Chicken pox in hindi) जिसे हम साधारण भाषा में छोटी माता भी कहते है। यह एक प्रकार का संक्रमण रोग होता है, जिससे शरीर में खुजली और लाल चकते पड़ते है। चिकन पॉक्स को वैरिसेला (varicella) भी कहा जाता है| यह ज्यादातर बच्चो में फैलती है, यह एक वायरल संक्रमण होता है। जो व्यक्ति इसकी चपेट में आता है, उसे निमोनिया जैसी खतरनाक बीमारी होने का भी खतरा रहता है। इस पोस्ट के माध्यम से हम आप को चिकनपॉक्स के लक्षण, कारण और उसके उपचार के बारे में विस्तृत जानकारी बया करेंगे।

जिस व्यक्ति को चिकनपॉक्स की बीमारी हो जाती है,उसे जिंदगी में दुबारा चिकन पॉक्स होने की संभावना कम होती है। चिकन पॉक्स का वायरस शरीर में निष्क्रिय रहता है। परन्तु यह कभी भी एक्टिव हो सकता है। जिसके कारण मनुष्य को दाद और चर्म रोग जैसी बीमारिया होती है। चिकन पॉक्स की बीमारियों के इलाज के लिए सन 1990 से वेक्सीन का उपयोग किया जाता है। जो मरीजों को ठीक करने का काम करती है।

चिकन पॉक्स (छोटी माता) होने के कारण (Chicken Pox Causes in Hindi)

चिकन पॉक्स की बीमारी वैरिसेला जोस्टर (varicella zoster virus) वायरस के फैलने से होती है। यह बीमारी, बीमार व्यक्ति के संपर्क में आने से, छींकने से,कफ के कारण, बीमार व्यक्ति के कपडे का यूज़ करने से, जो व्यक्ति इससे संक्रमित है, उसके संपर्क में आने से यह बीमारी फैलती है। इस बीमारी के लक्षण 15- 20 दिनों के अंदर दिखाई देने लगते है। मनुष्य के शरीर पर चकते आने के 1-2 हप्ते पहले इस बीमारी के वायरस बहुत संक्रमित होते है। जब तक इस बीमारी के लाल चकते पूरी तरह से सुख नहीं जाते तब तक इसके वायरस शरीर में सक्रीय रहते है, और इसके इन्फेक्शन की फैलने की संभावना रहती है। आमतौर पर यह बीमारी बच्चो में ज्यादा पाई जाती है और उसके साथ -साथ बड़े और बूढ़े में भी इसके संक्रमण फैलने की क्षमता रहती है।

चिकन पॉक्स (छोटी माता) के लक्षण (Symptoms of Chickenpox in Hindi)

चिकनपॉक्स (symptoms of chickenpox in hindi) का मुख्य लक्षण शरीर पर लाल चकते या लाल दाने का पड़ना होता है। इसमें आमतौर पर मनुष्य के गर्दन , गाल, मुँह और शरीर पर लाल चकते पड़ते है, यह लाल दाने उभरे हुए लगते है| जिसमे द्रव भरा हुआ रहता है| जो देखने में छाले या फोड़े की तरह दीखता है। यह लाल चकते या दाने मुँह,आँख, सिर की त्वचा या जननांग के आस-पास वाले क्षेत्र में होने से ज्यादा दर्द होता है। इस बीमारी को ठीक होने में बहुत अधिक समय लगता है| क्योकि जैसे ही पुराने दाने ठीक होते है तो नए दाने उभर जाते है। इस बीमारी को रिकवर होने में लगभग 2 हप्ते लगते है। जब तक यह बीमारी ठीक नहीं हो जाती उसके संक्रमण एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति तक फैल सकते है। इसके इन्फेक्शन शरीर में आने से 7 से 21 दिन पहले ही शरीर में इसका एहसास हो जाता है। शरीर पर लाल चकते या दाने आने के 48 घंटे पहले ही आप के शरीर से इसके संक्रमण दूसरे व्यक्ति के शरीर में आसानी से फैल सकते है।

इसके अलावा चिकन पॉक्स के कुछ लक्षण (symptoms of chickenpox in hindi) निम्नलिखित है।

  • बुखार आना।
  • भूख न लगना।
  • शरीर में खुजली होना।
  • शरीर पर लाल चकते या दाने होना।
  • सिर दर्द होना। (और पढ़े:- पेट दर्द के इलाज के बारे में)
  • थकान महसूस करना।
  • दिल की धड़कन तेज होना।
  • साँस लेने में परेशानी।
  • उलटी होना।
  • गर्दन में जकड़न होना।

चिकन पॉक्स के संक्रमण से जब शरीर पर चकते निकलना शुरू हो जाते है तब निम्नलिखित लक्षण दिखाई देते है।

  • मनुष्य के पुरे शरीर पर लाल या गुलाबी रंग के दाने या चकते दिखाई देते है।
  • इन लाल चकते या दाने में पानी या द्रव भरा रहता है जिसके कारण यह उभरे हुए दिखते है।
  • इसके बाद धीरे-धीरे दाने चपटे होने लगते है और सूखने लगते है।
  • उभरे हुए लाल चकते के कारण शरीर में खुजली और जलन महसूस होती है।

चिकन पॉक्स से बचाव (Preventions of Chicken Pox in Hindi)

चिकन पॉक्स या जिसे हम छोटी माता (small pox) के नाम से भी जानते है। इस बीमारी का वायरस 12 से 15 साल के बच्चो में तेजी से फैलता है। इसलिए चिकन पॉक्स की बीमारी से बचने के लिए बच्चो को 3 -5 साल के उम्र में ही चिकनपॉक्स वैक्सीन की खुराक दे देना चाहिए। चिकन पॉक्स की वैक्सीन की खुराक का उपयोग करने से लगभग ९५% लोग इसकी चपेट में आने से बच जाते है। यदि आप चिकनपॉक्स की दो खुराक का सेवन करते हो तो जिंदगी में यह बीमारी होने की संभावना कम होती है। चिकन पॉक्स बच्चो के साथ-साथ वयस्क व्यक्तियों में भी तेजी से फैलती है। यदि किसी कारण वश आप चिकनपॉक्स की वैक्सीन नहीं लगा पाते हो तो ऐसी स्थिति में आप को चिकन पॉक्स वाले मरीज से दुरी बनाना चाहिए नहीं तो आप भी चिकन पॉक्स की बीमारी से ग्रसित हो सकते हो।

चिकनपॉक्स (छोटी माता) का इलाज (Chicken Pox Treatment in Hindi)

चिकनपॉक्स (chicken pox ka ilaj in hindi) एक प्रकार की वायरल  संक्रमण बीमारी होती है। यह बच्चो के साथ -साथ वयस्क वक्तियो में भी तेजी से फैलती है। यदि आप के घर में किसी बच्चे या व्यक्ति को यह बीमारी होती है तो उसे घर के बाहर मत निकालिए। क्योकि यह बीमारी ठीक होने में अपना समय लेती है। डॉक्टर चिकनपॉक्स की बीमारी को ठीक करने के लिए एंटीहिस्टामिन ट्यूब (antihistamine cream) या मरहम देते है| जिसे लाल चकते या दाने पर लगाने से उसकी खुजली या जलन को कम किया जा सकता है। इस बीमारी को ठीक करने के लिए बहुत ही कम इलाज की आवश्यकता होती है।

इसके अलावा खुजली को कम करने के निम्नलिखित नुस्खे अपना सकते है।

  • शरीर पर मरहम या लोशन का यूज़ कर सकते हो।
  • गुनगुने पानी से स्नान कर सकते हो, जिससे खुजली कम होती है।
  • सूती या मुलायम कपडे पहन सकते है।

यदि चिकनपॉक्स (chicken pox treatment) की बीमारी गंभीर रूप लेती है, तो ऐसे में डॉक्टर कुछ एंटीबायोटिक दवाइया देते है| जिनसे इसके लक्षणों को रोका जा सकता है,एंटीवायरल दवाइयों का सेवन करने से शरीर का इम्यून सिस्टम (immune system) ठीक हो जाता है जिससे जलन कम होती है।

चिकनपॉक्स (छोटी माता) में परहेज (What to avoid Chicken Pox in Hindi)

यदि आप को चिकनपॉक्स की बीमारी हुई है, तो शरीर पर जो दाने होते है उनमे खुजली नहीं करना चाहिए। क्योकि ऐसा करने से आप के शरीर पर काले धब्बे के निशान पड़ सकते है।

  • तले हुए पदार्थो का सेवन ना करे।
  • डेयरी उत्पाद जैसे:- दूध, दही, मक्खन आदि का सेवन ना करे।
  • मांस – मच्छी, सब्जी रोटी या किसी भारी भोजन का सेवन ना करे।
  • जंक-फ़ूड का सेवन ना करे।

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