
Diabetes in Hindi
डायबिटीज, मधुमेह (madhumeh), शुगर (Sugar) या शक्कर इन नामों से भी इस बीमारी को जाना जाता है। इसका पूरा नाम डायबिटीज मेलिटस (Diabetes Mellitus) है। हर व्यक्ति के रक्त में ग्लूकोस एक निर्धारित मात्रा में पाया जाता है जिसको की हम ब्लड ग्लूकोस या फिर ब्लड शुगर के नाम से भी जानते है। इसको नियंत्रित करने के लिए कुछ हार्मोन हमारे शरीर में स्वतः ही पाए जाते है इनमें से मुख्य है – इन्सुलिन (Insulin)।
Insulin in Hindi – इन्सुलिन डायबिटीज को नियंत्रित करता है जब भी इसकी मात्रा कम या ज्यादा होती है तो डायबिटीज की बीमारी उत्पन्न हो जाती है। अपने ग्लूकोस को सदैव जांचते रहे यदि भोजन से पहले १०० और भोजन के बाद १२५ से ज्यादा है तो सतर्क हो जाये उसी के अनुसार आप डॉक्टर से परामर्श करके दवाइयां ले।
“इन्सुलिन और डायबिटीज का चोली – दामन जैसा साथ है”
Diabetes Information in Hindi । डायबिटीज क्यों होती है:-
डायबिटीज बीमारी के होने का मुख्य कारण रक्त में उपस्थित ग्लूकोस की मात्रा का अनियंत्रित हो जाना या हार्मोन का इम्बैलेंस हो जाना। मधुमेह हो जाने पर शरीर को भोजन से एनर्जी बनाने में दिक्कत होती है। डायबिटीज बीमारी के होने का मुख्य कारण रक्त में उपस्थित ग्लूकोस की मात्रा का अनियंत्रित हो जाना या हार्मोन का इम्बैलेंस हो जाना। मधुमेह हो जाने पर शरीर को भोजन से एनर्जी बनाने में दिक्कत होती है। यदि ग्लूकोस की मात्रा हमारे शरीर में बढ़ जाये तो शरीर के विभिन अंगो को हानि पहुंचना प्रारंभ कर देती है।
Types of Diabetes in Hindi । डायबिटीज कई प्रकार की होती है:-
१. Type 1 Diabetes
२. Type 2 Diabetes
३. गर्भकालीन मधुमेह (Gestational Diabetes)
४. Secondary Diabetes
मधुमेह को धीमी गति की मौत भी कहा जाता है। यह किसी भी व्यक्ति के शरीर में एक बार हो जाये तो जिंदगीभर यह बीमारी पीछा नहीं छोड़ती है। यह अन्य बिमारियों को भी आमंत्रित करती है।
Type 1 Diabetes in Hindi:-
इस प्रकार के मधुमेह में अग्न्याशय में स्थित बीटा कोशिकाओं की शंख्या बहुत कम हो जाती है या नष्ट हो जाती है। इसलिए इन्सुलिन कम मात्रा में बन पता है।
यह आमतौर पर किशोरअवस्था में होता है यह सामान्यतः १५ वर्ष से कम उम्र में होता है। तथा बच्चे पहली बार चिकित्सक के पास कीटोएसिडोसिस (Ketoacidosis) में ही पहुंच जाते है संपूर्ण भारत में इस श्रेणी के मरीज़ प्रायः कम होते है।
Type 1 Diabetes बच्चो में इन्सुलिन की कमी से होने वाली डायबिटीज में इन्सुलिन जीवन रक्षक का काम करता है।
Type 2 Diabetes in Hindi:-
इस प्रकार के मरीज़ो की संख्या भारत में अत्यधिक है। Type 2 Diabetes २० वर्ष के बाद ही होती है। इस प्रकार के मधुमेह में बीटा कोशिकाएं कुछ मात्रा में इन्सुलिन हार्मोन का स्राव करती है।
इस प्रकार की डायबिटीज को घरेलु उपायों और खान पान, परहेज़, व्यायाम, मोटापा और दैनिक दिनचर्या को व्यवसस्थित करके नियंत्रित कर सकते है।
इस प्रकार की डायबिटीज प्रायः वंशानुगत होती है। Type 2 Diabetes अनुवांशिक hereditary होती है अर्थात इसको परिवार के अन्य सदस्यों में होने की संभावना होती है।
Type 2 Diabetes यानि २० वर्ष के बाद और इन्सुलिन रेजिस्टेंस से होने वाली डायबिटीज में इन्सुलिन की आवश्यकता पड़ती है।
गर्भकालीन डायबिटीज (Gestational Diabetes) :-
यह डायबिटीज प्रायः गर्भवती महिलाओं में ही होती है यह Diabetes गर्भ धारण के चौथे माह में होती है । गर्भधारण के दौरान डायबिटीज होने पर इसका इलाज केवल इन्सुलिन से ही किया जाता है।
इस प्रकार की महलिओं में ये डायबिटीज समाप्त भी हो सकती है या फिर बनी भी रह सकती है। जिन महिलओं को गर्भ के दौरान मधुमेह की समस्या होती है उन्हें आगे जाकर Type 2 डायबिटीज होने की मात्रा अधिक बढ़ जाती है।
Secondary डायबिटीज:-
इस प्रकार की डायबिटीज इलाज करने मात्र से ही सही हो सकती है जैसे की कुछ दवाईओं को बंद करने से, pituitary ग्लैंड का tumor का इलाज करने से।
Blood Sugar Range । ग्लूकोस की सामन्य मात्रा (Sugar Level)
मधुमेह के मरीज़ के मूत्र में अगर ग्लूकोस की मात्रा पायी जाती है तो ये मधुमेह का संकेत है और बाद में इसे ब्लड ग्लूकोस से सुनिश्चित किया जाता है। केवल मूत्र में ग्लूकोस की मात्रा की उपस्थिति से इसे स्पष्ट नहीं किया जा सकता।
निम्नलिखित सारणी में Blood Sugar range बताई गई है:-

अगर खाली पेट की शुगर का स्तर १०० है तो इसे सामान्य माना जायेगा, अगर इससे अधिक है तो आपको सावधान रहने की जरूरत है।
इसी प्रकार अगर खाना खाने के २ घंटे बाद की शुगर १४० है तो ये सामान्य है, अगर इसकी मात्रा १४० से अधिक है तो तुरंत आपको चिकित्सक की सलाह लेना चाहिए।
अगर आप मधुमेह से पीड़ित है तो आप अपनी दिनचर्या सही रखें और चिकित्सक द्वारा दी गई सावधानिया और दवाईयां समय पर लेते रहे।
“ख्याल रखें डायबिटीज जान लेवा नहीं है, परन्तु लापरवाही जान लेवा हो सकती है”
डायबिटीज के लक्षण
१. चिड़चिड़ापन, कमजोरी आना |
२.चक्कर आना, थकान होना |
३. बार बार फोड़े फुंसियां होना, किसी चोट का घाव ठीक ना होना |
४. बार बार पेशाब लगना |
५. आखों की रौशनी कम होना |
६. शरीर में खुजली |
७. वजन में लगातार कमी |
८. हाथ पैरों में झनझनाहट का होना |
९. कमर में दर्द होना या कमर तिरछी होना |
१० शरीर में सूजन आना |
११ बार बार प्यास लगना |
१२.बहुत भूख लगना |
Very good information for everyone, so that precautions can be taken, to avoid diabetes.