
माँ बनना हर महिला का सपना होता है और माँ बनना सबसे सुखद अहसास भी है| शादी के बाद से हर महिला इस दिन का इन्तजार करती है जब वह माँ बन जाए. गर्भावस्था के 9 महीने हर महिला के लिए सबसे कठीन और चुनोतीभरे होते है जिसमे उसे शारीरिक और मानसिक दोनों कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है|
गर्भावस्था के दौरान कई तरह के शारीरिक बदलाव आते है लेकिन माँ बनने की ख़ुशी के आगे सब परेशानियां कम हो जाती है| किसी ने सच ही कहा 9 महीने गर्भ में बच्चे को रखने का दर्द एक महिला ही समझ सकती है. सभी शारीरिक परेशानियों में से एक है एक्टोपिक यानी अस्थानिक गर्भावस्था (एक्टोपिक प्रेगनेंसी)| आईये जानते है अस्थानिक गर्भावस्था क्या है, इसके कारण और लक्षण क्या तथा इसका क्या इलाज है?
एक्टोपिक (अस्थानिक) गर्भावस्था क्या है? (व्हाट इस एक्टोपिक प्रेगनेंसी)
एक्टोपिक का मतलब होता है गलत स्थान पर. इसका मतलब है ऐसी गर्भावस्था जो गर्भाशय के बाहर विकसित हो. जिसमे गलत स्थान पर भ्रूण विकसित होना शुरू हो जाता है. जब गर्भावस्था के अंडाणु गलत स्थान पर जुड़ जाए तो उसे एक्टोपिक गर्भावस्था कहते है|
इस स्थिति में अंडाणु गर्भाशय के अंदर विकसित होने के बजाय फेलोपियन ट्यूब में विकसित होने लगते है. ऐसा 200 में से 1-2 महिलाओं को होता है. फेलोपियन ट्यूब में विकसित होने के कारण इसे ट्युबल गर्भावस्था भी कहते है.
जैसे-जैसे गर्भावस्था बढती है इसमें दर्द और रक्तस्राव की समस्या आने लगती है|अगर समय रहते इसके कारणों का पता नहीं चला तो फेलोपियन ट्यूब फट सकती है| अगर सही समय पर इलाज नहीं हुआ तो यह जानलेवा हो सकती है|
एक्टोपिक (अस्थानिक) गर्भावस्था की संभावना कब होती है? ( Ectopic Pregnancy Causes In Hindi)
इस गर्भावस्था का पता चौथे और दसवें सप्ताह के बीच में चलता है. पीरियड्स मिस होने के 2 सप्ताह के बाद इस गर्भावस्था के लक्षण पता चलते है| ऐसे में आपको तुरंत डॉक्टर से सम्पर्क करके इलाज शुरू करना चाहिए अन्यथा बात बिगड़ सकत है|
किन महिलाओं को एक्टोपिक (अस्थानिक) गर्भावस्था होने का खतरा है:
- जिन महिलाओं को पेल्विक इन्फ्लेमेटरी डिजीज हो|
- जो महिलाएं धुम्रपान करती हो|
- जिन महिलाओं ने गर्भनिरोधक काइल लगाई हो|
- 35 साल की उम्र के बाद गर्भ धारण कर रही है|
- अगर प्रेग्नेंट होने के लिए ट्यूब की सर्जरी कराई हो|
गर्भावस्था में एक्टोपिक (अस्थानिक) के जोखिम क्या है?(Risk Of Ectopic Pregnancy)
- गर्भपात
- ब्लीडिंग
- पेट में तेज दर्द
- आंतरिक ब्लीडिंग की वजह से जानलेवा हो सकता है
एक्टोपिक (अस्थानिक) गर्भावस्था के लक्षण (Ectopic Pregnancy Symptoms In Hindi)
- योनी से रक्तस्राव होना
- मतली और उल्टी होना
- ब्लड प्रेशर कम होना
- पेट में एंठन होना और बहुत तेज दर्द होना
- पेट के एक हिस्से में दर्द होना
- कमजोरी और चक्कर आना
- कंधे और गर्दन में दर्द होना
- बेहोशी
- मल त्याग करते समय दर्द होना.
- दस्त लगना
- बहुत ज्यादा पसीना आना और सिर घूमना
- शरीर पीला पड़ जाना
एक्टोपिक (अस्थानिक) गर्भावस्था की जांच (एक्टोपिक प्रेगनेंसी टेस्ट)
- खून की जाँच
- अल्ट्रासाउंड
- सोनोग्राफी
एक्टोपिक (अस्थानिक) गर्भावस्था का इलाज (Ectopic Pregnancy Treatment In Hindi)
अगर महिला को एक्टोपिक गर्भावस्था (ectopic pregnancy in hindi) की आशंका है तो इसमें डॉक्टर “कीहोल सर्जरी” करता है जिसमे एक छोटा सा चीरा लगाकर पेट के जरिये डिवाइस को अंदर डालकर नलिकाओं की जांच की जाती है. अगर इसमें एक्टोपिक गर्भावस्था नजर आती है तो लेप्रोस्कोप के जरिये ट्यूब को काटकर अस्थानिक गर्भावस्था को निकाल दिया जाता है. अगर फेलोपियन ट्यूब फट जाती है तो कीहोल सर्जरी की जगह डॉक्टर पेट का ऑपरेशन करता है लेकिन बहुत ही कम मामलों में होता है.
एक्टोपिक (अस्थानिक) गर्भावस्था से बचाव (Prevention Of Ectopic Pregnancy)
- एक से ज्यादा लोगों के साथ यौन संबध ना बनाये क्योंकि इससे यौन संक्रमण हो सकता है जिससे अस्थानिक गर्भावस्था का खतरा बढ़ जाता है|
- अगर आपको किसी भी तरह का यौन संक्रमण है तो इसका जल्द से जल्द इलाज कराएँ क्योंकि इसकी वजह से आपको अस्थानिक गर्भावस्था हो सकती है. पेट के निचले हिस्से में दर्द, पेशाब करते समय दर्द, यौन संबध बनाते समय दर्द, योनी से ज्यादा रक्तस्राव, योनी से बदबू आना आदि यौन संक्रमण के लक्षण है|
- अगर गर्भवती महिला धुम्रपान करती हो तो अस्थानिक गर्भावस्था की समस्या हो सकती है|
आज की इस पोस्ट में आपने अस्थानिक गर्भावस्था के कारण, लक्षण, जोखिम और इलाज के बारे में जाना है. उम्मीद करता हु की आपको यह पोस्ट पसंद आई होगी और अगर आपको यह पोस्ट पसंद आई हो तो इसे अपने दोस्तों के साथ शेयर करें और कमेन्ट बॉक्स में अपने विचार दे ताकि हम आगे भी ऐसी अच्छी से अच्छी पोस्ट लिख सके.
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