
एस्ट्रोजन हॉर्मोन (estrogen hormone in hindi) को हम सेक्स हार्मोन के नाम से भी जानते है। यह पुरुष और महिलाओं दोनों में पाया जाता है। हॉर्मोन का उपयोग महिलाओं में अधिक होता है| क्योकि पुरुष की तुलना में महिलाओं के शरीर को हॉर्मोन की आवश्यक्ता ज्यादा होती है। एस्ट्रोजन हॉर्मोन महिलाओं के लिए बहुत बड़ी भूमिका निभाता है। हर महिला के अंदर एस्ट्रोजन की मात्रा अलग -अलग होती है। आज हम जानेंगे की एस्ट्रोजेन महिलाओं के शरीर में क्या भूमिका निभाता है। आइए इस पोस्ट के माध्यम से जानते है, की एस्ट्रोजन हॉर्मोन की कमी और अधिकता का असर महिलाओं के शरीर में किस प्रकार काम करता है, इस बारे में आज हम आपको बताएगे।
एस्ट्रोजन हार्मोन की भूमिका महिलाओं के लिए (Role of Estrogen in Female Development in Hindi)
एस्ट्रोजन हार्मोन महिलाओं के यौन विकास के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण होता है। इसलिए इसे फीमेल सेक्स हार्मोन कहते है। एस्ट्रोजन महिलाओं के शरीर में मुख्य भूमिका निभाता है इस कारण भी इसे फीमेल डेवलपमेंट हार्मोन भी कहते है।एस्ट्रोजन की वजह से महिलाओं में होने वाले परिवर्तन निम्नलिखित है।
- लड़कियों के स्तनों के विकास के लिए
- मासिक चक्र की शुरुआत
- जननांगो में बालों की वृद्धि
लोगो का कहना है की एस्ट्रोजन ना केवल यौन के विकास में फायदेमंद होता है बल्कि इसका असर शरीर के सभी भागो में भी होता है| यह हार्मोन गर्भवस्था के दौरान बहुत सी महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
एस्ट्रोजन हार्मोन के फायदे (Benefits of Estrogen Hormone in Hindi)
- एस्ट्रोजन हार्मोन महिलाओं के मासिक धर्म को नियंत्रित करने का काम करता है अगर महिला के अंडे निषेचित नहीं होते है तो इस कारण एस्ट्रोजन के स्तर में तेजी से कमी आती है और इस कारण मासिक धर्म शुरू हो जाते है।
- गर्भावस्था के दौरान सर्विकल एस्ट्रोजन महत्वपूर्ण रूप से स्टेरॉयड हार्मोन पैदा करता है। एस्ट्रोजन स्तनपान कराने और स्तनों के अन्य प्रकार के परिवर्तन के लिए भी आवश्यक होता है।
- वैज्ञानिको का कहना है की जिस महिला में एस्ट्रोजन का स्तर ऊंचा होता है वो उम्र में छोटी दिखती है। क्योकि एस्ट्रोजन कोलेजन के स्तर को बढ़ता है जिससे आपकी त्वचा मोटी दिखती है। इस कारण आपकी त्वचा पर झुर्रिया कम दिखती है। जिससे महिलाओ की उम्र कम दिखती है और साथ ही महिलाए सुन्दर भी दिखती है।
- पुरुषों के अंदर भी एस्ट्रोजन हार्मोन जरुरी होता है।
एस्ट्रोजन के निम्न फायदे
- संक्रमण और सूजन से बचाने के लिए।
- एस्ट्रोजन सेक्स ड्राइव को बढ़ाने के लिए भी कार्य करता है।
- तनाव को कम करने का कार्य करता है।
- स्तन कैंसर जैसे खतरों से भी बचता है।
- बालों और त्वचा में चमक आ जाती है|
- हड्डियों को मजबूत बनाने में मदद करता है।
एस्ट्रोजन के कम होने के कारण (Low Estrogen Hormone Levels Causes in Hindi)
- सेक्स ड्राइव की हानि
- योनि में सूखापन
- अचानक गर्मी लगना
- मूड में बदलाव
- माइग्रेन या सिरदर्द
- कोलेस्ट्रॉल के स्तर में बदलाव
- अवसाद और चिंता
- अनियमित रक्तस्राव
- अनियमित दिल की धड़कन
- मूत्र पथ में संक्रमण
- संभोग के दौरान दर्द
- अवसाद और चिंता
- कामेच्छा में परिवर्तन
- रजोनिवृत्ति
- ध्यान केंद्रित करने में कठिनाई
शरीर में एस्ट्रोजन बढ़ने के लक्षण (High Estrogen Hormone Levels Symptoms in Hindi)
- ब्लड प्रेशर में बढ़ोतरी
- वजन बढ़ना
- पेट का फूलना
- थकान और कमजोरी
- नींद नहीं आना
- पीरियड्स में अनियमित्ता
- कामेच्छा में कमी
- स्तन में गांठ का उत्पत्र होना
- सिर दर्द और माइग्रेन जैसी परेशानी
- स्वभाव में बदलाव होना
- स्तनों के स्तर में वृद्धि
एस्ट्रोजन हॉर्मोन बढ़ाने के लिए खाये ये सब चीज़
एस्ट्रोजन एक नेचुरल हार्मोन होता है, जो महिलाओं और पुरुषों दोनों में होता है। महिलाओं और पुरुषों दोनों को ही एस्ट्रोजन की मात्रा मेंटेन करना जरुरी है। वैसे महिलाओं को पुरुषों के मुकाबले एस्ट्रोजन की आवश्यकता ज्यादा होती है।
एस्ट्रोजन महिलाओं के लिए सबसे अच्छा साथी क्यों है –
गर्भवस्था के दौरान एस्ट्रोजन की मात्रा कम हो जाती है। हार्मोन ही आपकी त्वचा में चमक भरता है और जवान दिखने में मदद करता है। एस्ट्रोजन की मात्रा शरीर में न ही बहुत ज्यादा होना चाहिए और न ही बहुत कम।
पीरियड्स में जल्द राहत के लिए ये करे
अगर आपको एस्ट्रोजन की कमी महसूस हो रही है और अपनी जीवन शैली सुधारना चाहते है, तो कुछ निम्न पदार्थो का सेवन करें।
मेवे:- सूखे मेवे, जैसे सुखी खुबानी, खजूर और मुनक्के रोज खाना चाहिए। ये हमारे शरीर में एस्ट्रोजन के स्तर को कम करने में मदद करता है। अगर एस्ट्रोजन बढ़ गया है तो यह उसे भी बैलेंस कर देगा।
अलसी के बीज:- अलसी के बीज बहुत ही फायदेमंद होते है आप इसे सीधे खा सकते है। इसमें ज्यादा फाइबर की मात्रा होती है जिससे आपका पेट लम्बे समय तक भरा रहता है। अलसी वेट लॉस करने में भी आपकी मदद करता है और कोलेस्ट्रॉल भी कम करता है।
तिल के बीज:- इनमे पैथोएस्टरॉएन होता है। आप तिल के तेल का भी इस्तेमाल कर सकते है। इसके बीज में ढेर सारा फाइबर और मिनरल होता है। एक चम्मच तिल के बीज के सेवन से आपको मैग्रेशियम और कैल्शियम मिलता है।
काबुली चने:- काबुली चने के रोज सेवन से आपके हार्मोन बैलेंस होंगे और एस्ट्रोजन की मात्रा भी बढ़ती है। इसके अंदर ढेर सारे फाइबर और प्रोटीन होते है।
बींस:- महिलाओं को बींस का सेवन करना चाहिए क्योकि, इसमें फाइबर की अच्छी मात्रा होती है और ये कोलेस्ट्रॉल को भी कम करता है। एस्ट्रोजन बढ़ाने के साथ ही ये हमारे ग्लूकोस लेवल को भी बैलेंस करता है।
सोया मिल्क:- सोया मिल्क सोया बीन्स से बनता है जो की पैथोएस्ट्रोने से भरपूर होता है। अगर आप गाय या भैस के दूध का सेवन करते है तो उसे आप सोया मिल्क में भी बदल सकते है। इसमें कैल्शियम की मात्रा भी अच्छी होती है।
टमाटर/ गाजर/ संतरे/ नींबू :- ऐसे खाघ पदार्थो का सेवन करना बहुत जरुरी है जिसके अंदर विटामिन डी की मात्रा होती है। इन खाघ पदार्थो को आप पकाकर और कच्चा भी खा सकते है क्योकि इनमे ज्यादातर फल है।
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