
आज के समय में महिला नसबंदी एक बहुत ही प्रभावी उपाय है महिलाओं के गर्भधारण को रोकने के लिए! यह उपाय उन महिलाओं के लिए बहुत ही बेहतरीन है जो अपना परिवार पूरा कर चुकी है! और जिन्हें अब गर्भधारण की आवश्यकता नहीं है।
महिला नसबंदी को अंग्रेजी में tubebectomy,tune ligation, और female sterilization जैसे नाम से जाना जाता है। राष्ट्रीय स्वास्थ्य सर्वेक्षण के अनुसार 2005-6 मैं भारत में 15 से 49 वर्ष तक की 37% शादीशुदा महिलाओं ने नसबंदी करवाई है।
इस लेख में हम महिला नसबंदी के बारे में आपको विस्तार से बताने जा रहे हैं, आईये जानते हैं कि महिला नसबंदी क्या है? यह कैसे की जाती है और साथ ही साथ जानते हैं कि इसके क्या क्या लाभ और क्या क्या हानियां है जिसका हमें सामना करना पड़ सकता है।
स्वास्थ्य विभाग परिवार कल्याण कार्यक्रमों को बढ़ाने के लिए और परिवार को नियंत्रित रखने के लिए पुरुष के साथ-साथ महिलाओं को भी नसबंदी कराने के बहुत से लाभ मिलते हैं जैसे कि प्रसव के बाद अगर कोई महिला नसबंदी करवाती है तो उसे 2200 रुपए दिए जाते हैं, अधिक से अधिक महिलाएं नसबंदी करवाएं इसके लिए कैंप भी लगाए जाते हैं, इसके लिए बहुत ही सरकारी संस्थाएं भी काम करती है और गांव में जा जाकर लोगों को किसके लिए प्रोत्साहित करते हैं और उन्हें इसके लाभ और हानियों के बारे में समझाते हैं।
महिला नसबंदी क्या है :-
महिला नसबंदी एक ऐसा आसान और सुलभ उपाय है जो आपको अनचाहे गर्भ को धारण करने में आपकी सहायता करता है। और महिला अपने बेहतरीन परिवार नियोजन के बारे में सोच सकती हैं।
जिस नली से अंडे गर्भाशय की ओर जाते हैं उस को फैलोपियन ट्यूब कहा जाता है जब महिला की नसबंदी की जाती है तो इस चैनल की यूट्यूब को या तो काट दिया जाता है या किसी प्रकार बंद कर दिया जाता है जिससे अंडाशय गर्भाशय तक नहीं पहुंच पाते और महिला गर्भधारण नहीं कर पाती यह एक बहुत ही छोटा सा ऑपरेशन होता है। इस ऑपरेशन के होने के बाद उसी दिन आपको छुट्टी दे दी जाती है।
यह बहुत ही कम पाया जाता है परंतु इसमें 99% महिलाओं की नसबंदी हो जाती है परंतु एक परसेंट महिलाएं ऐसी होती हैं जो कि नसबंदी होने के बाद भी गर्भवती हो जाती है।
बहुत से देशों में ट्यूबक्टोमी के दौरान सीज़ेरियन ऑपरेशन और मिनी लैपरोटोमी अधिक पसंदीदा विधियां हैं जबकि विकसित देशों में “लैप्रोस्कोपिक नसबंदी” और “हिस्टोरोस्कोपिक ट्यूबल ओक्लुज़न” (hysteroscopic tubal occlusion) लोकप्रिय तरीके हैं। यह ऐसी प्रक्रिया है जिससे महिला ज्यादा बच्चे पैदा नहीं कर पाती और और उन्हें स्वास्थ्य से संबंधी परेशानियों का सामना नहीं करना पड़ता। और अपनी और अपने परिवार की देखरेख अच्छे से कर पाती है।
महिला नसबंदी सी सेक्शन डिलीवरी के तुरंत बाद भी की जा सकती है जब सी सेक्शन डिलीवरी की जाती है उसमें चीरा लगाया जाता है और साथ ही साथ बच्चा पैदा होने के बाद यह ऑपरेशन किया जा सकता है।
महिला नसबंदी के बाद सावधानी:-
किसी भी ऑपरेशन के बाद बहुत सी सावधानियां बरतनी आवश्यक होती है। ऐसे ही महिला नसबंदी के बाद आपको बहुत ही सावधानियां बरतनी होती हैं जोकि निम्नलिखित है।
- आपको अपनी सर्जन के पास उसकी दी हुई डेट पर हमेशा जाना चाहिए पूरा फॉलोअप लेना चाहिए।
- कभी भी अपनी दवाइयों को अधूरा ना छोड़े हमेशा अपनी दवाइयों एंटीबायोटिक का पूरा कोर्स करें।
- अगर आपको लगातार बुखार है या फिर आपको लगातार तेज पेट दर्द है और यदि आपको चीरे से खून या पीप आ रही है तो तुरंत अपने सर्जन से बात करें।
- अपनी सर्जन के बताए अनुसार या ऑपरेशन के 7 दिन बाद तक संभोग ना करें।
- यदि उचित समय पर आपके पीरियड नहीं आते या फिर पीरियड ऊपर नीचे डेट पर हो जाते हैं तो तुरंत अपने सर्जन के पास जाएं और चेकअप करवाएं।
उस समय तक किसी भी भारी समान को ना उठाएं।
इस ऑपरेशन के बाद आपको आहार का भी ध्यान रखना होता है आपको ऑपरेशन के तुरंत बाद केवल हलका आहार लेना चाहिए। क्योंकि एनेस्थीसिया के बाद आपको कब्ज की शिकायत हो सकती है।
आपको दिन में कम से कम 8 गिलास पानी पीना चाहिए। जिससे आपका पेट ठीक रहेगा और पेट की गंदगी बाहर निकलेगी।
महिला नसबंदी के फायदे:-
यह उपाय उन महिलाओं के लिए सबसे ज्यादा लाभकारी है जो कि एक नियंत्रित उपाय चाहती हैं गर्भधारण को रोकने के लिए। यह बहुत ही महिलाओं के लिए सुरक्षित और सरल उपाय है और इसका असफलता का प्रतिशत बहुत ही कम देखा जाता है लगभग 100 में से एक महिला ऐसी होती है जो कि ऑपरेशन होने के बाद भी गर्भ धारण कर लेती है।
नसबंदी के साइड इफेक्ट दूसरे गर्भनिरोधक उपायों से कम होते हैं। यह आपकी महावारी पर भी कोई फर्क नहीं डालती। और साथ ही साथ कुछ तथ्य ऐसा बताते हैं कि यह अंडाशय से होने वाले कैंसर को भी नहीं होने देती।
महिला नसबंदी के नुकसान:-
पुरुष नसबंदी के तुलना में महिला नसबंदी अधिक प्रभावशाली होती है और इसे करवाना भी आसान नहीं होता है। इस ऑपरेशन में लेप्रोस्कोप का इस्तेमाल करना थोड़ा खतरनाक साबित होता है क्योंकि इसमें डॉक्टर को यह पता नहीं चलता कि वह उपकरण कैसे और कहां लगा रहा है। इस बात को सुनकर आप थोड़ा सा परेशान हो सकते हैं परंतु इसमें परेशानी की कोई बात नहीं है क्योंकि डॉक्टर यह बहुत ही सावधानी बरतने के बाद करते हैं और वह इस बात का खास ध्यान रखते हैं कि पेट में उपकरण कहां और कैसे लग रहे हैं ताकि आपके किसी और उनको किसी भी प्रकार का नुकसान ना हो और ऐसा देखा जाता है कि अधिकांश मामलों में ऐसी किसी भी तरह की परेशानी नहीं होती है।
ध्यान रखने वाली बात यह है कि यह भी बाकी ऑपरेशन की तरह ही होता है इसमें भी हल्का सा चीरा लगाया जाता है जिससे आपको चाहिए वाली जगह पर संक्रमण होने का खतरा रहता है हल्का हल्का एनेस्थेटिक होने की आशंका रहती है। और साथ ही साथ आपको हल्का पेट दर्द तथा गैस की परेशानियां भी हो सकती है।
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