
जीवन जीने के लिए बहुत जरुरी है, की आपका स्वास्थ अच्छा रहे। इस सम्बन्ध मै एक कहावत बहुत मशहूर है जैसे की हेल्थ इज वेल्थ, पहला सुख निरोगी काया आदि। अधिकतर बीमारियों की वजह होती है अनियमित खान-पान। बहुत बार आप बाहर का गलत खान-पान कर लेते है, उस कारण भी आपका पेट दर्द (stomach pain in hindi) होने लगता है।
पेट दर्द के प्रकार – Types of Stomach Pain in Hindi
पेट दर्द के निम्नलिखित प्रकार होते हैं –
सामान्य दर्द:- सामान्य दर्द वैसे तो पेट के आधे या उससे अधिक हिस्से मै होता हैं। यह दर्द बहुत बार अलग-अलग बीमारियों के साथ भी हो सकता हैं, आमतौर पर बिना किसी दवाई लिये बिना ही ठीक हो जाता हैं। कठोर दर्द या हल्का दर्द समय के साथ गंभीर भी हो सकता हैं।
स्थानीय दर्द:- स्थानीय दर्द पेट के एक हिस्से मै होता हैं, अचानक और बत्तर होने वाला स्थानीय दर्द एक गंभीर समस्या भी हो सकती हैं। वैसे तो अपेंडिक्स का दर्द सामान्य दर्द में शुरू होता हैं। यह ज्यादातर पेट के एक हिस्से में होता हैं। स्थानीय दर्द धीरे-धीरे गंभीर हो जाता हैं ये पेट के किसी भी अंग मै सूजन का लक्षण हो सकता हैं।
ऐंठन (क्रम्पिंग):- क्रम्पिंग एक दर्द होता हैं, जो आता जाता रहता हैं या होने की गंभीरता मै बदलता रहता है। सामान्य ऐंठन में वैसे तो चिंता का कोई कारण नहीं होती है। दस्त या अन्य स्वास्थ समस्याओ से होने वाली ऐंठन काफ़ी दर्दनाक हो सकती हैं पर यह आमतौर पर गंभीर नहीं होती।
पेट दर्द के लक्षण – Stomach Pain Symptoms in Hindi
अब में आपको पेट दर्द के निम्नलिखित लक्षण बताऊगा अगर इन लक्षण मै से किसी के साथ कुछ होता हैं, तो तुरंत ही डॉक्टर की सलाह ले|
- बुखार
- सांस लेने में तकलीफ
- गर्भावस्था के दौरान दर्द होना
- कई दिनों तक खाना खाने मै असमर्थता
- मल में खून आना
- सांस लेने में तकलीफ
- पेट में चोट लगने के कारण दर्द होना
- दर्द कई दिनों तक रहना
पेट दर्द के कारण – Stomach Pain Causes in Hindi
पेट का दर्द कई कारणों की वजह से हो सकता हैं, पेट दर्द के कुछ मुख्य कारण निम्नलिखित हैं –
- कब्ज
- अपच
- पेट का फ्लू
- फ़ूड एलर्जी
- मासिक धर्म में ऐंठन
- अल्सर या फोड़ा
- हर्निआ
- पित्ताशय की पथरी
- क्रोहन रोग
- फ़ूड पॉइजनिंग
- अल्सरेटिव
- मूत्र-पथ के संक्रमण
- अल्सरेटिव कोलाइटिस
- अपेंडिक्स
पेट के दर्द के कुछ अन्य कारण
- निमोनिया और दिल के दौरों में भी पेट दर्द हो सकता हैं।
- जहरीले कीड़ो के काटने के कारण भी पेट में दर्द हो सकता हैं।
- कुछ त्वचा के चकत्ते और दाद भी पेट में दर्द कर सकते हैं।
पेट दर्द से बचाव – Prevention of Stomach Pain in Hindi
पेट दर्द से बचाव से निम्नलिखित आदतें आपकी मदद कर सकती हैं –
खाने की गति कम करें
अगर आप खाना बिना चबाए या बड़ा बड़ा काट कर खाते हैं, तो यह संभव हैं की आप खाने के साथ मै हवा भी खा लेते हैं जो पेट मै गैस बनती हैं इस कारण हमारे पेट मै दर्द होता हैं। इसलिए खाना हमेशा चबा कर खाये और निगले मै भी समय ले ।
भोजन के बीच के अंतराल को कम करें
कुछ लोगो को भोजन करते समय अंतराल के दौरान पेट मै दर्द होता हैं। अगर आपको भी ऐसा होता हैं तो आप पूरे दिन मै छोटे-छोटे अंतराल मै भोजन या स्नैक्स ले ताकि आपका पेट लम्बे समय तक खाली न रहे। हालांकि, इससे उलटी भी हो सकती हैं। अगर आप इसे खा लेते हैं तो भी आपका पेट मै दर्द हो सकता हैं।
अपने खाने का ध्यान रखें
तला हुआ और मसालेदार खाने से भी आपके पेट में परेशानी आ सकती हैं। आपके पाचन तंत्र की प्रक्रिया को भी धीमे और ख़राब कर सकती हैं, और कब्ज होने की भी संभावना बढ़ जाती हैं। अगर आप सब्जियों और फाइबर के साथ अधिक पौष्टिक खाघ पदार्थ का सेवन करते हैं तो आपका पाचन तंत्र स्वस्थ रहता हैं।
अपने चिकित्सक से सलाह ले
अगर आपको दूध पीने के बाद भी या कुछ और खाने के बाद पेट मै ऐंठन होती है तो आप अपने डॉक्टर से सलाह जरूर ले। ऐसा भी हो सकता है की आपको डेयरी उत्पादों या किसी अन्य प्रकार के भोजन के प्रति असवेंदनशीलता हो और आपके डॉक्टर इनसे दूर रहने के तरीको का पता भी लगा सकते है।
पेट दर्द का इलाज – Stomach Pain Treatment in Hindi
वैसे तो दर्द के बहुत सारे कारण होते है पर डॉक्टर द्वारा पेट दर्द का इलाज किया जाता है। अगर आपको गंभीर दर्द है तो आपको आपातकालीन स्तिथि में भर्ती होना भी पद सकता है।
पेट दर्द के लिए निम्नलिखित उपचार किये जा सकते है –
केमिस्ट से मिलने वाली दवाए
- कब्ज के लिए, एक रेचक ओषधि आपकी मदद कर सकती है।
- दस्त से ऐंठन के लिए, लोपरामाइड या बिस्मथ सब-सैलिसिलेट वाली दवाईयां आपकी बेहतर महसूस करने में बहुत मदद कर सकती है।
- गैस्ट्रोइसोफेगल रिफ्लक्स रोग से होने वाली जलन के लिए आप एंटासिड या एसिड काम करने वाली दवाओं को ले।
इनमे से कोई लक्षण है (Stomach Symptoms in Hindi) तो डॉक्टर के पास जरूर जाए
- मतली और बुखार होना।
- पेशाब करने में दर्द होना।
- मल पारित नहीं कर पाना और उलटी होना।
- मूत्र में खून बहना।
- दर्द होने से पहले पेट में चोट लगना।
- पेट मै जलन होना और दवाओं से ठीक नहीं हो पाना।
- गंभीर पेट में दर्द या दर्द कई दिनों तक रहना।
- मल में खून होना।
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