
रागी या नाचनी (Ragi in Hindi ) मुख्यतः एशिया और अफ्रीका के जंगलो में उगाई जाती है। यह दिखने में मोटे अनाज के दानो की तरह दिखते है। इसमें बहुत सारे पोषक तत्व का मिश्रण होता है। जिसके खाने से शरीर में ऊर्जा पैदा होती है। रागी (ragi meaning in hindi) में पोषक तत्व जैसे:- कैल्शियम (Calcium), विटामिन (vitamin), फाइबर्स (fiber), कार्बोहाइड्रेड (carbohydrate) अधिक मात्रा में पाए जाते है। रागी (ragi meaning in hindi) में फाइबर की मात्रा अधिक होने से यह शुगर और वजन कम करने के लिए भी सहायक होती है। रागी का सेवन तनाव वाले मरीजों के लिए भी किया जाता है। जिसका सेवन करने से तनाव कम हो जाता है । इसे पीसकर और अंकुरित करके खाया जाता है। जिस मरीजों में खून की कमी या हीमोग्लोबिन की कमी होती है उन मरीजों के लिए यह बहुत ही फायदेमंद होती है। रागी को हम सुबह नाश्ते में भी ले सकते है जिससे हमें पोषक तत्व मिलते है, और दिनभर कमजोरी नहीं आती। रागी का उपयोग बीमारी के कारन शरीर में होने वाले कमजोर हड्डियों को मजबूत करने के लिए भी किया जाता है। आमतौर पर रागी (ragi in hindi) का सेवन उन बच्चो के लिए किया जाता है जिनके शरीर की ग्रोथ नहीं हो रही हो या जो कमज़ोर होते है उनके लिए रागी या नाचनी बहुत लाभदायक सिद्ध होती है। रागी को खाने से स्किन हमेशा जवां रहती है। क्योकि इसमें उपस्थित एमिनो एसिड की मदत से चेहरे पर जुरिया नहीं पड़ती । जिसके कारन स्किन ग्लो करती है। इसके सेवन से विटामिन डी की कमी को दूर किया जा सकता है। रागी के अनाज में एमिनो अम्ल मेथोनाइल उपस्थित होते है। रागी का सेवन करने के लिए रागी साबुत, रागी (ragi in hindi) का आटा और उनका मिश्रण कर सकते हो। यदि आप रागी (ragi meaning in hindi) या नाचनी का उपयोग अपने भोजन के साथ भी करते होतो यह भी आप के लिए लाभदायक है।
रागी /नाचनी की सेवन या उपयोग करने के तरीके (How to consume Ragi in Hindi)
रागी या नाचनी का उपयोग हम विभिन्न स्वादिष्ट पकवानो के साथ भी यूज़ कर सकते है।
- रागी या नाचनी का उपयोग हम विभिन्न पकवानो के साथ मिलाकर भी यूज़ कर सकते है।
- रागी के आटे का हलवा बनाकर भी खा सकते है।
- रागी और चावल के आटे को बराबर मात्रा में मिलाकर स्वादिष्ट इडली या डोसा भी बन सकते है।
- रागी या नाचनी के आटे को भूनकर उसमे पीसीहुई चीनी और घी मिलाकर उसके लड्डू भी बना सकते है।
- रागी के बिस्किट भी बच्चो के लिए फायदेमंद होते है।
- रागी के आटे के पेस्ट को दूध में और सूखे मेवे और नट्स में मिलाकर पोररीज बनाया जा सकता है।
- पिसे हुए रागी (ragi in hindi) को ब्रेड के साथ मिलाकर भी खा सकते है।
रागी / नाचनी के फायदे (Benefits of Ragi in Hindi)
रागी में बहुत सारे पोषक तत्व होने के कारन यह हमारे सरीर में होने वाली कमजोर हड्डियों को मजबूत करने के काम करता है। इसमें फाइबर की अधिक मात्रा होने के कारन यह वजन काम करने में भी फायदेमंद होता है। रागी को खाने से कुछ निम्न लिखित फायदे होते है।
- रागी (ragi in hindi) में अधिक मात्रा में कैल्शियम होने के कारन यह हड्डियों को मजबूत रखने में सहयता करता है, क्योकि आप को पता ही है| हड्डियों को मजबूती के लिए कैल्शियम की आवश्यकता होती है।
- रागी में चावल की अपेक्षा अधिक फाइबर होता है। जिसके कारन हम इसका सेवन वजन कम करने के लिए करते है।
- रागी के आटे के सेवन करने से मधुमेह से सबंधित बीमारियों को भी कंट्रोल कर सकते है।
- जिन बच्चो के शरीर या हाइट की ग्रोथ नहीं हो रही है उस के लिए भी हम रागी या नाचनी के सेवन कर सकते है।
- रागी को प्राकृतिक आयरन के स्त्रोत भी कहा जाता है| क्योकि जो मरीज अमोनिया या हीमोग्लोबिन से पीड़ित है वह अपने भोजन के साथ रागी के यूज़ करके अपने शरीर में हुई खून की कमी को दूर करने के कम भी कर सकते है।
- स्तनपान के दौरान जो महिलाए बच्चे को अपना दूध पिलाती है उनको भोजन के साथ रागी के उपयोग करना चाहिए। विशेष कर जब है हरा हो, क्योंकी यह माँ के दूध को बढ़ता है और दूध में उपस्थित कैल्शियम, पोटेशियम, एमिनो एसिड और आइरन अधिक मात्रा में होता है। जो माँ और बेटे दोनों के लिए फायदेमंद होता है।
- रागी में मेथिओनीन (Methionine )और लाइसिन एमिनो एसिड(Lysine amino acid) होने के कारन यह हमारे त्वचा को खूबसूरत और जवान रखता है।
- रागी में उपस्थित एमिनो एसिड और एंटीऑक्सीडेंट (Antioxidants) की मात्रा होने के कारन यह मस्तिष्क से सबंधित बीमारियों में सहायता करता है। यह सामान्य बीमारिया जैसे:- नींद न आना, पाचन क्रिया,सिरदर्द, थकान महसूस करना आदि में भी सहायता करता है।
- रागी के सेवन करने से ब्लडप्रेशर की मात्रा को भी कम किया जा सकता है।
रागी / नाचनी के नुकसान (Side Effects of Ragi in Hindi)
रागी के फायदे (benefits of ragi) बहुत सारे है। क्योकि इसमें भरपूर मात्रा में पोषक तत्व होते है । परन्तु रागी, नाचनी के अधिक मात्रा में सेवन करने से शरीर में ओक्सालिक एसिड की मात्रा बढ़ जाती है। जिन मरीजों को किडनी या पत्थरी की बीमारी है उन लोगो को यह नहीं खाना चाहिए। और यह बात भी सही है की किसी भी चीज का अधिक मात्रा में सेवन करने से उसका दुष्प्रभाव या साइड इफ़ेक्ट तो होते ही है। इसलिए रागी/ नाचनी का सेवन आवश्यकता के अनुसार या किसी जानकर व्यक्तियों की सलाह से ही ले।
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