
कपोसी सार्कोमा दुनिया की सबसे खतरनाक बीमारी कैंसर का ही एक प्रकार है। कपोसी सार्कोमा हमारी बॉडी पर एक ट्यूमर के रूप में प्रकट होता है। ये ट्यूमर सामान्यता पैर या फिर चेहरे पर बिना दर्द वाले Purple color के ट्यूमर के रूप में प्रकट होता है। लेकिन कभी कभी यह मुंह, जननांग और Lymphatic gland पर भी हो जाता है। कपोसी सार्कोमा का घाव सबसे गंभरतापूर्वक फेफड़ों और पाचन तंत्र में हो जाता है। कपोसी सार्कोमा की Cancer cell रक्त और रक्त वाहिनीयो की परत पर बनता है।
कपोसी सार्कोमा होने के कारण (Soft tissue cancer symptoms in hindi)
Human herpes virus 8/ HHV-8 नामक एक वायरस होता है जिसके संक्रमण से कपोसी सार्कोमा होता है। सामान्यता इस तरह के वायरस कमजोर Immune System वाले व्यक्ति को ही प्रभावित करता है। जिससे कमजोर Immune System वाले व्यक्ति को कपोसी सार्कोमा होने का खतरा बढ़ जाता है। स्वस्थ शरीर और मजबूत Immune System वाले व्यक्ति पर HHV-8 वायरस का कोई प्रभाव नहीं पड़ता है क्योंकि स्वस्थ व्यक्ति की Blood cell इस वायरस को नष्ट कर देती है।
कपोसी सार्कोमा (soft tissue sarcoma) के होने का एक अन्य कारण Organ transplant भी होता है क्योंकि Organ transplant के पश्चात रोगी को प्रतिरक्षा प्रणाली कम करने वाली दवाओं का सेवन करना पड़ता है। इन दवाओं के कारण कपोसी सार्कोमा होने का खतरा बढ़ जाता है।
एचआईवी (Human immunodeficiency virus) से ग्रसित व्यक्ति को कपोसी सार्कोमा होने का खतरा बढ़ जाता है। एचआईवी के रोगियों में प्रतिरक्षा प्रणाली बहुत ज्यादा कमजोर हो जाती है। जिस कारण ज्यादातर एचआईवी वाले रोगियों को ही का कपोसी सार्कोमा होता है।
कपोसी सार्कोमा को नियंत्रित करना आसान है लेकिन अगर रोगी को एड्स है तो कपोसी सार्कोमा को कंट्रोल करना बहुत मुश्किल होता है।
कपोसी सार्कोमा के लक्षण (Soft tissue cancer symptoms in hindi)
- कपोसी सार्कोमा में सबसे पहला लक्षण चेहरे या पैर के हिस्से में एक Spot (एक घाव) दिखाई देने लगता है।
- ये Spot Brown, yellow or purple रंग का हो सकता है।
- कभी यह Spot आंखों के ऊपर और श्वसन नली के ऊपर भी दिखाई देने लगता है।
- कभी-कभी पैरों और Pastel में गंभीर दर्द शुरू हो जाता है।
- प्रत्यारोपण करा चुके रोगी के अगर पैरों और कंधे में दर्द हो तो यह कपोसी सार्कोमा के लक्षण होते हैं।
- कपोसी सार्कोमा फेफड़ों में Breath के हिस्से को अवरुद्ध कर देते हैं जिससे सांस लेने में तकलीफ होती है।
- अगर कपोसी सार्कोमा अगर आंतों में हो जाए तो पेट में दर्द रहना और दस्त लगना उसके लक्षण होते हैं।
- एनीमिया होना
- खांसी में खून आना (अगर कपोसी सार्कोमा फेफड़ों में है तो)
- हिमोग्लोबिन की कमी हो जाना
- बॉडी में दिनभर थकावट और कमजोरी रहना
- मल में खून आना
- पैरों या चेहरे के स्पॉट से रक्त निकलना
- विनाइल क्लोराइड, डाइऑक्साइन्स और फेनोक्सीसिटिक जैसे रसायनों के संपर्क में आने से
- अनुवांशिक कारणों से भी कपोसी सार्कोमा हो सकता है
कपोसी सार्कोमा का उपचार और इलाज (Kaposi Sarcoma treatment hindi)
कपोसी सार्कोमा एक दुर्लभ प्रकार का कैंसर है। इस तरह के कैंसर का इलाज कैंसर की तकनीकों के द्वारा ही किया जा सकता है लेकिन अगर सही समय पर कपोसी सार्कोमा का पता चल जाए तो इसे दवाओं के द्वारा भी ठीक किया जा सकता है। कपोसी सार्कोमा को ठीक करने के लिए कुछ निश्चित तकनीकें भी है तो चलिए जानते हैं, कपोसी सार्कोमा को ठीक करने की विधियां-
दवाइयों के द्वारा:
कपोसी सार्कोमा को रोकने के लिए कुछ निश्चित दवाओं का सेवन करना पड़ता है अगर कपोसी सार्कोमा की शुरुआत के समय अगर इन दवाओं का सेवन किया जाए तो कपोसी सार्कोमा को नियंत्रित किया जा सकता है। कपोसी सार्कोमा में इन निम्न Medicine का सेवन करना चाहिए-
Pegadria
Nudoxa
Shanferon
Lippod
सर्जरी के द्वारा:
कपोसी सार्कोमा कैंसर को ठीक करने का सबसे प्रभावी तरीका सर्जरी ही है। कपोसी सार्कोमा के ट्यूमर को सर्जरी के द्वारा निकालने से इस कैंसर को ठीक किया जा सकता है। ट्यूमर का Biopsy sample लेकर कैंसर सेल्स और उसके आसपास के Tissue को हटा दिया जाता है।
विकिरण चिकित्सा के द्वारा:
कभी-कभी कपोसी सार्कोमा शरीर के उन हिस्सों में हो जाता है। जहां पर सर्जरी करना नामुमकिन होता है। उस समय विकिरण चिकित्सा के द्वारा कपोसी सार्कोमा के ट्यूमर को निकाल दिया जाता है। विकिरण चिकित्सा में शक्तिशाली एक्स किरणों का उपयोग किया जाता है। एक्स किरणों के द्वारा धीरे-धीरे ट्यूमर को उसकी जगह से हटा दिया जाता है।
कीमोथेरेपी के द्वारा:
कीमोथेरेपी के द्वारा कपोसी सार्कोमा को ठीक करना कपोसी के stage पर निर्भर करता है कि वह किस स्टेज पर है अगर कपोसी सार्कोमा अपने first stage पर है, तो उसे कीमोथेरेपी के द्वारा ठीक किया जा सकता है, अगर कपोसी सार्कोमा fourth stage पर है तो इसे कीमोथेरेपी के द्वारा ठीक नहीं किया जा सकता है।
कपोसी सार्कोमा से बचाव के लिए एचआईवी रोगी के साथ संबंध नहीं बनाना चाहिए और संक्रमित सुई का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए।
अगर एड्स रोगी और एचआईवी से संक्रमित रोगी को कपोसी सार्कोमा के लक्षण दिखाई दे तो उसे जल्द से जल्द डॉक्टर से परामर्श लेना चाहिए।कपोसी सार्कोमा से बचाव ही इसका सबसे पहला उपचार है।
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